निरुक्त पर व्याख्या रूप एक वृत्ति दुर्गाचार्य रचित उपलब्ध है।
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निरुक्त पर व्याख्या रूप एक वृत्ति दुर्गाचार्य रचित उपलब्ध है।
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निरुक्त पर व्याख्या रूप एक वृत्ति दुर्गाचार्य रचित उपलब्ध है।
4.
व्याख्या रूप में चारों अवस्थाएं हैं-जो प्राकृतिक गवाहियाँ हैं।
5.
बुद्धघोष ने उनकी व्याख्या रूप विसुद्धिमग्ग की रचना की, जिसे देख संघ अति प्रसन्न हुआ और उसने उन्हें भावी बुद्ध मैत्रेय का अवतार माना।
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बुद्धघोष ने उनकी व्याख्या रूप विसुद्धिमग्ग की रचना की, जिसे देख संघ अति प्रसन्न हुआ और उसने उन्हें भावी बुद्ध मैत्रेय का अवतार माना।
7.
संस्कृत में श्लोक एवं संस्कृतिहंदी मिश्रित व्याख्या रूप में लिखी गई इस पांडुलिपि में सभी 28 नक्षत्रों के पंचतत्वों से संबंध और उनके आधार पर मानव जीवन को बेहतर बनाने के उपाय बताए गए हैं।
8.
वास्तु संबंधी शास्त्रों में मिट्टी की विशेषताओं की व्याख्या रूप, रस, गंध, रंग, आकार, स्पर्श व ढलान के आधार पर की गई है और उसे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
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वास्तु संबंधी शास्त्रों में मिट्टी की विशेषताओं की व्याख्या रूप, रस, गंध, रंग, आकार, स्पर्श व ढलान के आधार पर की गई है और उसे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र श्रेणियों में विभाजित किया गया है।